प्रयागराजः यूं तो इलाज के दौरान लापरवाही से अपनों की मौत पर लोगों को लड़ते देखा है। मगर अपने पालतू कुत्ते की मौत पर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले विरले ही होंगे। इन्हीं में एक इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता हैं। उन्होंने अपने कुत्ते को लापरवाही के कारण तड़प-तड़प कर मरते देखा तो दोषी को हर हाल में सजा दिलाने का प्रण ले लिया। डेद साल जाकर डाग केयर सेंटर के मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त किया गया। अन्य विभागों की भी अभी जांच चल रही है।
कचहरी के पास बेली रोड निवासी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अनुभव लगभग ढाई वर्ष पहले शिमला से भूटिया ब्रीड के जानी को ले आए थे। वह 10 सितंबर 2023 को जानी का बाल कटवाने इंडियान प्रेस चौराहे के पास पन्ना लाल रोड पर डाग केयर सेंटर में ले गए। बताया कि जानी को किसी प्रकार का रोग नहीं था। बाल कटवाने के बाद घर ले गए तो उसकी मौत हो गई। अधिवक्ता ने अगले दिन 11 सितंबर को कर्नलगंज थाने में शिकायती पत्र दिया मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही नगर निगम, पशुधन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों को पत्र भेजा। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तथा औषधि महानियंत्रक भारत सरकार को भी शिकायत भेजा। यही नहीं आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। फिर परिवाद भी दाखिल किया।
जनसूचना अधिकार
जनसूचना अधिकार के तहत लगभग 150 पत्र भेजकर सूचनाएं मांगी। इतनी कवायद के बाद डेढ़ वर्ष तक जांच हुई। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। औषधि महानियंत्रक भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन की ओर से भी जांच शुरू कराई गई। अब जाकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से डाग केयर सेंटर में संचालित मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। विभाग के सहायक आयुक्त संजय ने बताया कि लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। आगे की जांच चल रही है, जिसकी रिपोर्ट पर जल्द ही अन्य कार्यवाही की जाएगी। आरटीआइ की सूचना से उन्हें पता चला कि उनके कुत्ते को बिना उनकी अनुमति के ही बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया था। यह इंजेक्शन सामान्य तौर पर आपरेशन के लिए प्रयोग किया जाता है।
नगर निगम के पशुधन अधिकारी ने
नगर निगम के पशुधन अधिकारी ने खोला था सेंटर नगर निगम के पशुधन अधिकारी डा. श्रीश चंद्रा ने डाग केयर सेंटर खोला था। उनके निधन के बाद अब इस सेंटर का संचालन मंजुला श्रीवास्तव करती हैं और इसमें पशु चिकित्सक डा. विवेक कुमार सिंह बतौर परामर्शदाता बैठते हैं।