बस्ती। जिले के कलवारी थाना क्षेत्र के चिलवनिया गांव में बुधवार की रात बेसहारा पशुओं से गन्ने के फसल की रखवाली के लिए खेत में गए 46 वर्षीय व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
सुबह खेत में गए गांव के कुछ लोगों की नजर पड़ी तो उन्होंने स्वजन को जानकारी दी। थानाध्यक्ष कलवारी व फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की।
चिलवनिया गांव निवासी हरिश्चंद्र यादव उर्फ हरीश पुत्र सर्वजीत रात में खाना खाकर बेसहारा पशुओं से रखवाली करने गन्ने के खेत में गए थे। सुबह गांव के लोगों ने देखा तो वह खेत में गिरे पड़े थे। उनके एक हाथ में टार्च था, जो जल रहा था। लोग शोर मचाते गांव की तरफ भागे। मौके पर पहुंचे स्वजन ने बताया कि बेसहारा पशुओं से गन्ने की फसल बचाने के लिए हरिश्चंद्र खेत में गए थे। उनकी मृत्यु कैसे हुई, यह पता नहीं चल सका। मौके पर पहुंचे चौकी इंचार्ज गायघाट राममणि उपाध्याय ने घटना की छानबीन की और घटना से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया।
प्रभारी निरीक्षक
प्रभारी निरीक्षक कलवारी दिनेश चंद्र चौधरी भी फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे। टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य संकलित किया। हरिश्चंद्र खेती के साथ ही मिट्टी का कुल्हड़ बना कर परिवार का भरण पोषण करते थे। उनकी कोई संतान नहीं थी। उन्होंने अपने साढू की बेटी आरती को बचपन में ही अपने पास ला कर पाला और पढ़ाया लिखाया।
घटना के बाद स्वजन
घटना के बाद स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल है। प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र चौधरी ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर घटना की छानबीन की जा रही है। मृतक के शरीर पर कहीं कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। मृत्यु का स्पष्ट कारण जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।