पवन कुमार श्रीवास्तव
बस्ती। गुरुवार को जिल के कलवारी में किसान संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस दौरान उपस्थित किसानों एवं सहकारी बंधुओं को सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा घोषित नए त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025, जो गुजरात के आनंद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (IRMA) को भारत के पहले राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करता है, आज लोकसभा में पारित हो गया है। यह ऐतिहासिक कानून IRMA को त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय में परिवर्तित करता है और इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करता है। यह विश्वविद्यालय सहकारी वित्त, ग्रामीण ऋण, विपणन, डेयरी, मत्स्य और सहकारी कानून जैसे प्रमुख क्षेत्रों में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करेगा।
देशभर में क्षेत्र-विशेष स्कूलों और संबद्ध संस्थानों
देशभर में क्षेत्र-विशेष स्कूलों और संबद्ध संस्थानों के माध्यम से यह डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम प्रदान करेगा, जिससे सहकारी क्षेत्र के लिए कुशल पेशेवरों का एक मजबूत आधार तैयार होगा। SWAYAM और Samarth eGov Suite जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से यह विश्वविद्यालय शिक्षण को सुगम बनाएगा और बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करेगा।विश्वविद्यालय का संचालन एक गवर्निंग बोर्ड द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता कुलाधिपति करेंगे और इसमें प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव, राज्य स्तरीय सहकारी विभागों के अधिकारी और सहकारी क्षेत्र के प्रतिष्ठित नेता शामिल होंगे। IRMA अपनी पहचान ग्रामीण प्रबंधन के उत्कृष्टता केंद्र के रूप में बनाए रखेगा और नई विश्वविद्यालय संरचना का अभिन्न अंग बनेगा।
विश्वविद्यालय सहकारी समितियों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों
विश्वविद्यालय सहकारी समितियों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ भी सहयोग करेगा ताकि इसका पाठ्यक्रम सहकारी क्षेत्र की बदलती आवश्यकताओं को पूरा कर सके। इस विधेयक को आज संसद में माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा प्रस्तुत किया गया। सदन को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय, सहकारिता क्षेत्र के लिए 75 वर्षों में देश का पहला समर्पित सहकारी विश्वविद्यालय बनेगा, जो प्रतिवर्ष डिप्लोमा, डिग्री और अनुसंधान के अवसर सुनिश्चित करेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, स्वरोजगार और लघु उद्यमिता का विकास होगा, सामाजिक समावेशन बढ़ेगा और नवाचार व अनुसंधान में भी कई नए मानक स्थापित किए जाएंगे।कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (KRIBHCO), एक राष्ट्रीय स्तर की प्रमुख सहकारी संस्था, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के इस ऐतिहासिक निर्णय पर गर्व महसूस करती है, जो सहकारी मिशन को शीर्ष स्तर से लेकर जमीनी स्तर तक सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
यह पहल कुशल पेशेवरों को तैयार करके और क्षमता निर्माण को मजबूत करके नवाचार को बढ़ावा देगी, बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करेगी और किसानों/सहकारियों की भागीदारी को सशक्त बनाएगी। इससे अंततः बेहतर उत्पादकता, वित्तीय स्थिरता और भारत में एक मजबूत सहकारी आंदोलन का मार्ग प्रशस्त होगा।