संगठित गिरोह बनाकर दो वर्ष से मड़वानगर में चल रहा था धंधा Internet Media पर सक्रिय दो पत्रकार व पुलिस कर्मियों का था संरक्षण
यूपी, बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कोतवाली के मड़वानगर (Madwanagar) में एक मकान पर पुलिस ने छापा मारकर सेक्स रैकेट (Sex Racket) का पर्दाफाश किया है। मकान मालकिन ने अपने घर को दे वर्ष से देह व्यापार का अड्डा बना रखा था। पुलिस ने जब मकान की तलाशी ली तो इस महिला समेत आठ युवतियां बिहार, कुशीनगर व गोरखपुर की मिलीं। युवतियों को कमरों में अलग-अलग युवकों के साथ पुलिस ने आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा। महिला का पति व सेक्स रैकेट का संचालक शिवमूरत चौधरी व उसका पार्टनर अंबुज पटेल व दो स्टाफ भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इन्हें पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से एक महिला रेनू चौधरी समेत छह लोगों को जेल भेज दिया गया।
पकड़े गए लोगों के मोबाइल CDR से इनके पीछे के कनेक्शन की जांच पड़ताल में चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। इसमें पुलिस कर्मियों व इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय दो पत्रकारों के नाम सामने आए है। सूत्रों के अनुसार एक पुरानी बस्ती थानाक्षेत्र तो दूसरा सोनहा थानाक्षेत्र का निवासी बताया जा रहा है।
पिछले दो वर्ष से यहां पर चल रहा था सेक्स रैकेटः पुलिस व इंटरनेट मीडिया के कथित पत्रकारों के सहयोग से मड़वानगर में पिछले दो वर्ष से देह व्यापार का धंधा चल रहा था। पड़ोसी राज्य बिहार, कुशीनगर, गोरखपुर व अन्य स्थानों से युवतियों को यहां पर बुलाया जाता था। लंबे समय से यहां अनैतिक कार्य चल रहा था, मगर आस-पड़ोस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी।
बीते दिनों इस सेक्स रैकेट का खुलासा करने के लिए एसपी अभिनन्दन ने सीओ सिटी सत्येन्द्र भूषण तिवारी को टास्क सौंपा। इसके बाद एसओजी प्रभारी चन्द्रकांत पांडेय को सादे कपड़ों में देह व्यापार (Prostitution) की जानकारी लेकर उसके अड्डों का पता लगाने को कहा गया। मुखबिरों को भी इस काम में पुलिस ने लगा रखा था। चन्द्रकांत की टीम पिछले एक सप्ताह से मड़वानगर इलाके की दिनरात सर्विलांस (निगरानी) में जुटी रही। बुधवार को देह व्यापार के नेटवर्क का टीम को सफलता हाथ लगी।
इन्हें देह व्यापार अधिनियम में भेजा गया जेलः पुलिस ने एक महिला समेत छह के विरुद्ध देह व्यापार अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें सेक्स रैकेट का संचालक शिवमूरत चौधरी पुत्र रामप्रसाद निवासी रानीपुर, पार्टनर अम्बुज पटेल पुत्र विशुनदेव चौधरी निवासी महेनिया थाना महुली जनपद संतकबीर नगर, रिसेप्सन पर बैठने वाले सेक्स रैकेट का कर्मचारी राजू यादव पुत्र तेजू यादव निवासी दुबखरा थाना नगर, रामकरन पुत्र रामलाल निवासी कोठवा भरतपुर थाना नगर, हिमेश त्रिपाठी पुत्र रविन्द्र त्रिपाठी निवासी मनैतापुर थाना वेलहरकला जनपद संतकबीर नगर व रेनू पत्नी रंजीत चौधरी निवासी भूअर निरंजनपुर थाना कोतवाली को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया गया, वहां से अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया।
पुलिस का पड़ा छापा, मच गई खलवली
पुलिस के पूछताछ में संचालक ने स्वीकार किया कि बिहार, कुशीनगर, गोरखपुर से रोज युवतियां यहां आया करती थीं। युवतियों ने भी पुलिस को बताया कि रोजाना वह चार-पांच हजार कमाया करती थीं, जिसमें से आधा पैसा संचालिका व उसका स्टाफ रख लेता था। टोकन पर्ची के माध्यम उन्हें आनलाइन व कैश भुगतान प्रति टोकन पांच रुपये मिलता था। औसतन 3 से चार 4 रुपये लेकर यहां से जाती थीं। मड़वानगर में रहने वाले लोग उस वक्त चौंक गए, जब वहां के एक मकान में बड़े पैमाने पर देह व्यापार संचालित होने का पता चला। कुछ लोगों का कहना था कि संचालिका अपनी पहचान छिपाकर यहां रहती थी। वह खुद को स्वयंसेवी संगठन से जुड़ी भी बताया करती थी।
रंग लाई एसओजी टीम की मेहनत
मड़वानगर में सेक्स रैकेट करीब दो वर्ष से चलाया जा रहा था। मकान मालकिन व उसका पति ही सेक्स रैकेट को चला रहा था। पुलिस ने सूचना को पुख्ता करने के लिए पहले तो एक पुलिसकर्मी सादे वेश में ग्राहक बनाकर मकान में भेजा और फिर जब छापेमारी की तो युवती और युवक मकान के अलग-अलग कमरों में आपत्तिजनक हालत में मिले।
महिलाओं को मिलते थी आधी रकम
शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि Sex Racket में पकड़ाई बाहर की युवतियां और युवक स्थानीय थे। देह व्यापार करने वाली युवतियों को कस्टमर से मिलने वाले रुपयों में से आधा पैसा मिलता था। जैसे 15 सौ रुपये में कोई ग्राहक तैयार हुआ तो पांच सौ रुपये देह व्यापार करने वाली युवती का होता था।
प्रतिमाह चार से पांच लाख की कर रहे थे काली कमाई
कोतवाली थानाक्षेत्र के मड़वानगर में काफी दिनों से चल रहे देह व्यापार का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने छापेमारी करते हुए एक संचालिका सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कमरे से काफी आपत्तिजनक चीजें एक बोरी कंडोम (Condom), कास्मेटिक समान व 40 हजार 280 रुपये नकद, 22 मोबाइल फोन, डीबीआर, तीन क्यूआर कोड, 13 नीली व 16 पीली पर्चियां (टोकन पर्ची) भी बरामद किया है।
पुलिस की भूमिका संदिग्ध
शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि इनके संचालक को स्थानीय पुलिस कर्मियों का संरक्षण प्राप्त था। मीडिया कर्मियों की तरह इसके बदले उनका हफ्ता बंधा हुआ था। यहां पर तैनात रहे पुलिस कर्मियों की पोल खुलने के बाद अब इनके ऊपर भी एसपी की कार्रवाई कभी भी हो सकती है। दो कथित इंटरनेट मीडिया कर्मी भी कार्रवाई के जद हैं। इनके नामों का खुलासा हो चुका है। कभी भी इन्हें सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है