कन्नौज: UPSC की परीक्षा में 10वीं रैंक लाने वाले मयंक त्रिपाठी के माता-पिता की आंखों से आंसू बनकर खुशी छलक उठी। कलेक्ट्रेट में लिपिक पिता प्रभात त्रिपाठी को उनके कार्यालय में बेटे की सफलता की सूचना मिली तो कार्यालय से लेकर घर तक दिन भर जश्न का माहौल रहा। पिता का कहना है कि बेटे की सफलता से स्वयं के साथ जिले का भी मान बढ़ा है। बेटे ने जागरण पब्लिक स्कूल से इंटर की पढ़ाई की है।
शहर के डाक बंगला सरायमीरा निवासी प्रभात त्रिपाठी कलेक्ट्रेट में निकाय लिपिक हैं। यूपीएससी परीक्षा का परिणाम उस समय आया जब पिता प्रभात त्रिपाठी रोजाना की तरह कार्यालय में काम निपटा रहे थे। बेटे का फोन आते ही वह खुशी से साथियों के गले दवा से निराश जसमा साजितों ने मुंह मीठा कराकर उन्हें बेटे की सफलता की बधाई दी। रोजाना की तरह शाम पांच बजे जैसे ही वह पहुंचे।
त्रिपाठी बोले कि सभी की मेहनत का नतीजा है, जो आज बेटा अफसर बन गया। भावुक होते हुए माता-पिता बोले कि बेटे ने उनका ही नहीं बल्कि जिले का भी मान बढ़ाया है। ऐसा सुख हर माता-पिता को उनकी संतान से प्राप्त हो। मां का कहना है कि सुबह जब भी वह उठती थीं, तो बेटे को पढ़ाई करते ही देखती थीं। बेटे मयंक का एक मकसद अफसर बनना था। आज बेटे और परिवार के सभी लोगों का सपना पूरा हुआ, तो ऐसा लगता है कि सबकुछ उन्हें मिल गया।
पैतृक गांव में थिरके युवा साथी
अफसर बने मयंक त्रिपाठी का पैतृक गांव टड़वा है। उनके अफसर बनने की जानकारी मिलते ही गांव में भी जश्न शुरू हो गया। बचपन के साथी शैलेंद्र कुमार ने नृत्य गान किया। इसके बाद सभी ग्रामीणों के घर-घर जाकर लोगों का मुंह मीठा कराया।