दुग्ध उत्पादन कंपनियों से लखपति बन रहीं दीदियां..

By ARUN KUMAR

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लखनऊ : राज्य ग्रामीण आजीविकामिशन (एसआरएलएम) के तहत गठित स्वयं सहायता समूह महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। दुग्ध उत्पादक कंपनियों के माध्यम से 28,853 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। समूहों द्वारा 3,926 गांवों प्रतिदिन 7.29 लाख लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है।

एसआरएलएम के निदेशक

एसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि मिल्क वैल्यू चेन के तहत बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़ीं 76,647 महिलाएं बुंदेलखंड के 1,120 गांवों से प्रतिदिन 2.40 लाख लीटर दूध का संग्रह कर रही हैं। कंपनी ने 24 करोड़ रुपये का लाभांश अर्जित किया है और 14,385 लखपति दीदी बन चुकी हैं।

सामर्थ्य मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी

सामर्थ्य मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी में रायबरेली, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, अयोध्या, कानपुर नगर और अमेठी में 93,294 महिलाएं सदस्य हैं। कंपनी 1550 गांवों में प्रतिदिन 3.3 लाख लीटर दूध का संग्रह करती है और 8.5 करोड़ रुपये का लाभांश ले चुकी है। इसमें नौ हजार लखपति दीदी बनी हैं।

काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी

काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़ीं बलिया, मीरजापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी और संत रविदासनगर जिले की 30,497 महिलाओं द्वारा 1.03 लाख लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है। कंपनी में 5,209 लखपति दीदी बन चुकी हैं।

श्रीबाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क

श्रीबाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर व देवरिया में प्रतिदिन 41 हजार लीटर दुग्ध संग्रहण किया जा रहा है। इसकी 14 हजार महिला सदस्यों द्वारा 70 लाख रुपये लाभांश अर्जित किया गया है और 259 सदस्य लखपति बन चुके हैं।

इसी तरह सृजनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से बरेली, पीलीभीत, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर और रामपुर की 5531 महिलाएं जुड़ी हैं और प्रतिदिन 15 हजार लीटर दूध का संग्रह कर रही हैं।

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