गोरखपुर: भारत-नेपाल के रिश्तोंको प्रगाढ़ कर पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना को मूर्तरूप देने के क्रम में दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू करने पर सहमति बन गई है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली से नेपाल के काठमांडू, पोखरा और अन्य पर्यटन स्थलों के लिए जल्द ही वातानुकूलित (एसी) बस सेवा शुरू होगी। शासन ने गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ और दिल्ली से बस सेवा शुरू करने के संबंध में प्रस्ताव मांगा था।

परिवहन निगम कार्यालय गोरखपुर
परिवहन निगम कार्यालय गोरखपुर ने लखनऊ मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर मुहर लगते ही बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।परिवहन निगम ने गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ और दिल्ली से एक-एक एसी बसों के संचालन का प्रस्ताव तैयार किया है। नेपाल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन भी इन शहरों के लिए एक-एक ब्रस चलाएगा। गोरखपुर से काठमांडू व पोखरा के बीच टू बाई टू सीट वाली एसी जनरथ बस चलाई जाएगी।

गोरखपुर बस स्टेशन
नेपाल जाने वाली अधिकतर बसें गोरखपुर बस स्टेशन से होकर सोनौली के रास्ते चलाई जाएंगी। गोरखपुर परिक्षेत्र को जल्द ही 20 एसी जनरथ, शताब्दी और वाल्वों बसें मिल जाएंगी। शासन ने इन बसों के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।बहराइच होते हुए गोंडा से नेपालगंज रोड के रास्ते काठमांडू व पोखरा के लिए एक-एक बस चलाने का प्रस्ताव तैयार है। सूत्रों के अनुसार शासन, परिवहन निगम और संबंधित अधिकारियों के अलावा नेपाल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों के बीच बैठक भी हो चुकी है, जिसमें नेपाल के ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने बस सेवा शुरू करने पर सहमति दी है। रूट व बसों के रख-रखाव की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। परिवहन निगम की ओर से भी रूट, बसों की घुलाई सफाई, निगरानी और किराया को लेकर भी संबंधित विभागों व अधिकारियों से वार्ता चल रही है। संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल में परिवहन निगम के प्रस्तावों पर मुहर लग जाएगी। शासन की हरी झंडी मिलते ही भारत-नेपाल बस सेवा शुरू हो जाएगी।
कोविड काल में बंद हुई थी बस सेवाः
गोरखपुर के रास्ते वाराणसी और दिल्ली से काठमांडू के बीच चल रही भारत-नेपाल बस सेवा कोविड काल के बाद धीरे-धीरे बंद हो गई। पिछले साल उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और नेपाल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने गोरखपुर से काठमांडू के बीच बस सेवा शुरू करने की योजना बनाई थी।
सहमति के बाद गोरखपुर में जनरथ बस तैयार हो गई, जिसे मुख्यालय लखनऊ ने परमिट भी जारी कर दिया था। लेकिन तकनीकी खामियों के चलते बस सेवा शुरू नहीं हो पाई। अब सरकार बड़े पैमाने पर भारत-नेपाल के बीच बस सेवा शुरू करने की तैयारी जुट गई है।