लखनऊः पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना सर्वेक्षण एक मई से शुरू होगा। इसके लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी गई है। गन्ना सूचना प्रणाली और स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के तहत हैंड हेल्ड कंप्यूटर के माध्यम से ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सर्वे कराया जाएगा। गन्ना किसानों को अपने द्वारा बोए गए क्षेत्रफल के संबंध में घोषणा पत्र आनलाइन भरना होगा। सर्वे के लिए किसान को तीन दिन पहले सूचना दी जाएगी।
सर्वे नीति में पारदर्शिता के लिए किसान को पूर्व सूचना देने पर जोर दिया गया है। सर्वे टीम के खेत पर पहुंचने की तिथि और टीम के इंचार्ज के नाम व मोबाइल फोन नंबर की सूचना एसएमएस के माध्यम से तीन दिन पूर्व किसानों को प्रेषित की जाएगी। संयुक्त टीम बनाकर सर्वेक्षण कार्य कराया जाएगा। इसमें राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक, चीनी मिल कार्मिक के साथ संबंधित सर्किल के किसान की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
जिन परिषदों में गन्ना सर्वेक्षण के लिए बने अस्थायी सर्किलों के सापेक्ष राजकीय गन्ना पर्यवेक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होगी, उनमें इनकी कमी के सापेक्ष उतनी ही संख्या में समिति कर्मचारी लगाए जा सकेंगे। प्रत्येक सर्किल के लिए एक सर्किल इंचार्ज भी नियुक्त किया जाएगा। किसानों के लिए बोए गए गन्ना क्षेत्रफल के संबंध में enquiry. caneup.in की वेबसाइट पर घोषणा-पत्र उपलब्ध होंगे। संबंधित किसानों को अपना घोषणा-पत्र स्वयं आनलाइन भरना होगा। विभाग की ओर से चेतावनी जारी की गई है कि जिन किसानों द्वारा आनलाइन घोषणा पत्र उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे, उनका सट्टा आगामी पेराई सत्र 2025-26 में कभी भी बंद किया जा सकता है।
गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने बताया
गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि सर्वेक्षण में जीपीएस का प्रयोग करते समय द्वितीय और तृतीय पेड़ी का सत्यापन कंप्यूटरीकृत केन सर्वे रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।