आगराः छुट्टी पर घर आने के बाद लापता हुए आगरा कमिश्नरेट के दारोगा जितेंद्र सिंह का क्षत विक्षत शव शनिवार शाम कालपी में यमुना नदी के किनारे मिला। वह उरई के राजेंद्र नगर मुहल्ले के रहने वाले थे और 28 फरवरी को घर आए थे। उसी दिन दोस्तों से मिलने की बात कहकर चले गए और घर नहीं लौटे। स्वजन ने कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उनके पिता गया प्रसाद बसपा में जिला उपाध्यक्ष रहे हैं और ठेकेदारी का काम करते हैं।
पिता का आरोप
पिता का कहना कि बेटे की हत्या की गई है। हालांकि देर रात तक उन्होंने तहरीर नहीं दी थी और न ही किसी दोस्त का नाम बताया।
जितेंद्र सिंह 32 वर्ष के थे और फरवरी 2023 पुलिस में भर्ती हुए थे। उनकी पहली तैनाती आगरा में हुई थी। इस समय वह रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात थे। छुट्टी लेकर वह 28 फरवरी को आगरा से घर आए थे। वहां पहुंचते ही उन्होंने घर में बैग रखा और मां ज्ञान देवी से कहा था कि दोस्तों से मिलने जा रहे हैं। रात तक जब वह घर नहीं लौटे तो स्वजन ने मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन स्विच आफ था।शनिवार देर कालपी में लक्षमणदास की कुटिया के पास यमुना नदी किनारे क्षत-विक्षत शव दिखा तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी। शव को जानवरों ने नोचा था, इसलिए पहचान भी नहीं हो पा रही थी।
आधार कार्ड से पहचान
शर्ट की जेब से आधार कार्ड व पुलिस विभाग का पहचान पत्र मिला, वहीं पैंट की जेब से मोबाइल फोन मिला। इस पर स्वजन को जानकारी दी गई। उन्होंने शव की पहचान जितेंद्र सिंह के रूप में की।