औरैयाः देवकली मंदिर (Devakali Temple) की जमीन अपने रिश्तेदार के नाम करने के मामले में तीन लेखपाल और उनके दो रिश्तेदार समेत 10 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। नायब तहसीलदार अशोक कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर सदर कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
सदर तहसील में तैनात राजस्व निरीक्षक लालाराम की तहरीर 25 अप्रैल को प्रशासन की तरफ से इंटरनेट मीडिया में प्रचलित की गई थी। जिसमें दो लेखपालों ने शहर के लेखपाल के साथ मिलकर देवकली मंदिर की जमीन पर दो प्लाट परिवार के सदस्यों के नाम करने का आरोप लगाया था। साथ ही तहसील स्थित अभिलेखागार से अभिलेख चोरी करने का भी आरोप लगा था। मंदिर की जमीन अपने नाम करने का मामला लोगों में चर्चा का विषय बन गया।
तहरीर पुलिस
रविवार देर रात तक मामले में संशोधित तहरीर पुलिस को नहीं मिली थी। सोमवार रात दिशा की बैठक के बाद देर रात 10 बजे नायब तहसीलदार अशोक कुमार की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने लेखपाल अंकित तिवारी, शशांक दुबे, अवनीश कुमार सहित सीतू तिवारी, प्रभा देवी, सुमन शुक्ला, जितेंद्र कुमार, अरुण शुक्ला, सुमन देवी मयंक तिवारी के खिलाफ धोखाधडी, कूट रचित दस्तावेज, षडयंत्र करने की सहित सात धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ कर लिया है। आरोप है कि तीनों लेखपाल की मिनी भगत से नींव खोद दी गई। तहसील दिवस में मामले की शिकायत की गई।
जांच के बाद
जांच के बाद पाया गया कि 12 जुलाई 2024 को अरुण व सुमन सहित मयंक तिवारी द्वारा इकरारनामा कर लिया गया जो नियमों के विरुद्ध पाया गया। इसमें सुमन देवी लेखपाल अंकित तिवारी की मां है। मयंक तिवारी लेखपाल शशांक दुबे का साला है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कोतवाल ने बताया
सदर कोतवाल ललितेश त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। देवकली चौकी प्रभारी को जांच दी गई है। मामले में पुलिस बहुत जल्द दिबियापुर थाने में एक अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकती है।