कानपुर : आस्ट्रेलिया, दुबई समेत अन्य देशोंमें नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह ने टेलीकालिंग के लिए युवतियों को कीपैड मोबाइल फोन दिए थे। इससे वह उस नंबर से सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं थीं, जबकि पुलिस और साइबर क्राइम की टीम के निशाने पर आने का खतरा कम था। उन्हें सुबह और दोपहर में काल करने के बाद मोबाइल बंद करने का निर्देश था। यह जानकारी साइबर क्राइम की टीम की जांच में आई है।
उन्होंने शहर और आसपास के जिलों से टेलीकालिंग कर रहीं युवतियों की तलाश तेज कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि युवतियां कानपुर के साथ ही आसपास के जिलों से लोगों को काल कर रहीं थी। सभी ने अपने दूसरे नाम रखे थे।साइबर क्राइम टीम ने विदेश में झांसा देकर 1.20 लाख लोगों से ठगी की कोशिश करने वाले गिरोह का राजफाश किया था। गिरोह के सरगना प्रतापगढ़ के पट्टी क्षेत्र के हरिओम पांडेय, चौबेपुर के विशुनपुर गांव के अनुराग दीक्षित, चमनगंज के भनानापुरवा की अरीबा अंसारी और किदवई नगर डी ब्लाक की कीर्ति गुप्ता को गिरफ्तार किया।
कब्जे से लैपटाप, स्मार्ट फोन कीपैड
उनके कब्जे से लैपटाप, स्मार्ट फोन कीपैड मोबाइल, सिम, राउटर, बैंक पास बुक समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे।आरोपितों ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के अलावा उत्तर पूर्वी और दक्षिण भारत के कई शहरों के युवाओं से धोखाधड़ी के राज उगले। साइबर क्राइम टीम की जांच में सामने आया कि आरोपितों ने टेलीकालिंग के लिए कई युवतियों को नौकरी पर रखा था। उन्हें हर महीने 15 से 20 हजार रुपये दिए जाते थे।
टेलीकालिंग के लिए उनको कई निर्देश थे, जिसमें रात के समय कोई भी फोन चालू नहीं करेगा। उन्हें यह भी बताया गया कि उनको सिम किसी स्मार्टफोन में नहीं डालना है। ये सिम केवल कालिंग के लिए रखे गए थे। एडीसीपी क्राइम अंजलि विश्वकर्मा ने बताया कि आरोपितों ने टेलीकालिंग के लिए युवतियों को कीपैड मोबाइल नंबर दिए थे। उनके नाम और अन्य जानकारियां आ गई हैं। सभी की तलाश की जा रही है।