हरदोई। नौकरी की तलाश में प्रपत्र जमा करना आम बात है। मगर, आपके शैक्षिक, निवास और पहचान पत्रों का कैसे दुरुपयोग हो सकता है… खबर इसकी बानगीभर है। जिसके पिता के पास पट्टे में मिली भूमि हो। जो खुद निजी कंपनी में छोटी सी पगार पर परिवार का भरण-पोषण कर रहा हो… उसे 26 करोड़ की आयकर विभाग की नोटिस मिली है। नोटिस मिलने से युवक परिवार सहित बेचैन है। विभागों, अफसरों की चौखट नाप रहा है। बताया जा रहा है कि उसके नाम पर महाराष्ट्र और हरियाणा में बड़ी कंपनियां संचालित हो रही हैं।
पाली के अतर्जी गांव के राजेश तिवारी को
पाली के अतर्जी गांव के राजेश तिवारी को आयकर की ओर से दो अप्रैल को नोटिस आई है, जिसमें बताया गया कि उसके ऊपर आयकर का 26 करोड़ रुपये बकाया है। आयकर विभाग का दावा है कि उसके नाम पर तीन कंपनियां चल रही हैं। एक महाराष्ट्र के पुणे में और दूसरी हरियाणा के गुड़गांव में मेटल वर्ड के नाम से कंपनी चल रही है। नोटिस पाकर परिवार में खलबली मच गई। राजेश के पिता शिवहरि तिवारी ने बताया कि अप्रैल 2019 में उसके बेटे की शादी हुई थी।
शादी के तीन महीने बाद
शादी के तीन महीने बाद का मेहनत मजदूरी के लिए दिल्ली चला गया। वहीं पर काम कर रहा है। नोटिस की सूचना पर राजेश घर आया, बताया कि उसने कई कंपनियों में इंटरव्यू दिए थे। वह कोरोना काल में घर लौट आया था। लाकडाउन खुलने के बाद फिर दिल्ली चला गया था। इसके बाद उसने तीन अलग-अलग कंपनियों में नौकरी की। 2022 से वह शिवम मूवी पाइंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम रहा है। उसने बताया कि चार भाइयों में वह तीसरे नंबर का है।
आयकर विभाग के अफसरों से
वह आयकर विभाग के अफसरों से भी मिला। हकीकत बताई। साइबर सेल में शिकायत की बात कही है। बताया कि पारिवारिक स्थिति बेहद खराब है। पिता के नाम तीन बीघा का सरकारी पट्ट्टा है, जबकि एक बीघा पुश्तैनी जमीन है। बड़ा भाई अवधेश कस्बा में दुकान पर नौकरी करता है। इनके अलावा दो भाई दिव्यांग हैं। राजेश ने बताया कि इंटरव्यू के दौरान कंपनियों में अपने दस्तावेज जमा किए थे। उसो से उसके साथ धोखाधड़ी हुई है।