कानपुरः सोने में निवेश का झांसा देकर कपड़ा कारोबारी से 2.21 करोड़ की ठगी के मामले में साइबर क्राइम टीम ठगों तक पहुंचने के लिए जिन बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर हुए हैं। उनके धारकों का डाटा जुटा रही है।
टीम ने उन बैंकों में पूर्व में ही खातों में रही रकम फ्रीज करने के लिए ई-मेल भी किया था। डाटा मिलने के बाद सभी के पतों को सत्यापित कराएगी। जो भी रकम ठगी गई है, उसमें 50 से 60 लाख ही फ्रीज हो सके हैं। बाकी रुपये बिटक्वाइन करंसी में बदलकर विदेश भी भेजे जाने की आशंका है। साइबर टीम के अनुसार साइबर ठगों के गिरोह का कनेक्शन विदेश में भी होने की आशंका है।
पांडु नगर निवासी कपड़ा कारोबारी ने नवंबर 2023 में फेसबुक पर ट्रेडिंग कंपनी का एक विज्ञापन देकर पेज के लिंक को खोला था, जिसमें एक वेबसाइड खुली और सोने में निवेश पर ज्यादा लाभांश मिलने का लालच दिया गया। इसके बाद उनके बीच चैट के जरिये बातचीत होने लगी। विश्वास बढ़ने पर 25 नवंबर से मार्च तक उन्होंने 2.21 करोड़ रुपये बताए गए करीब 20 बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसमें कई फर्म के तो कई निजी खाते भी थे। जब चार माह बाद लाभांश निकालने की बारी आई तो उनसे पहले और रुपये निवेश करने को कहा गया। आशंका होने पर उन्होंने अपने रुपये मांगे। न मिलने और संतोषजनक जवाब न आने पर कारोबारी ने साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी है।
साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक, जिन 20 बैंक खातों में रुपये पहुंचे हैं, वे गुजरात, झारखंड, केरल, तमिलनाडु, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगाल के हैं। उनकी टीम ठगों तक पहुंचने के लिए पहले उन बैंक के खाताधारकों के बारे में जानकारी कर रही है। उन खातों में जो नाम-पते अंकित हैं, वे सही हैं या फर्जी, सत्यापित कराने के बाद उनसे संपर्क किया जाएगा। उनके जरिए ठगों तक टीम पहुंच सकती है।